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Name: संदीप वि.सबनीस
Home: मुंबई, महाराष्ट्र, India
About Me: काय लिहु ईथे? मी हाच विचार करत आहे अजुन.....सुचले की लिहतो.....!
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Wednesday, June 17, 2009 |
गोन्दवलेकर महाराजांची आरती |
जय जय आरती श्री गुरू राया सद्गुरू राया नामितो तव पदी संहरी माया || धृ || मी जीव हा भ्रम द्वैत पसारा, द्वैत पसारा वारुनी दिधला अद्वैत सारा || जय जय..... परम परात्पर चिन्मय खाणी, चिन्मय खाणी शत मुख स्मरीता वंदीली वाणी || जय जय..... जगतजीवन प्रभू मंगलधामा मंगलधामा नाम रुपातीत तू अभिरामा || जय जय...... || अनंत कोटी ब्रह्मांड नायक राजाधीराज सच्चितानन्द सद्गुरू श्री ब्रह्मचैतन्य महाराज की जय || || जय जय रघुवीर समर्थ || || श्री राम जय राम जय जय राम ||Labels: थोडे धार्मिक |
posted by संदीप वि.सबनीस @ 10:38 AM |
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Wednesday, June 3, 2009 |
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हत्तीने हत्तीच्या चालीनेच जावे...जवळून घोडा पळत गेला म्हणून काय झाले? घोड्याचा जन्मच पळण्यासाठी झाला आहे... Labels: असचं काहीतरी |
posted by संदीप वि.सबनीस @ 5:47 AM |
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